Looking for a Personalized Diet Plan?
प्लान की सदस्यता कैसे लें? (how to subscribe plan?)
भारतीय महिलायों के लिए पी. सी. ओ. एस. का सही डाइट प्लान ढुंडना काफ़ी चुनोटिपूर्ण हो सकता है।
आपको इतने सरे प्लान मिलेंगे की आपको सबमें से कोंसा सही है और कोंसा नहीं यह समझना मुश्किल हो जाता है।
अगर आप अपने खुद के लिए निजीकृत पी. सी. ओ. एस. (PCOS) का डाइट प्लान (Diet Plan) चाहते हो जो की आसान ओर प्रभावी दोनो हो तो, आप सही जगह आए हो।
यहाँ आपको हमारे स्पेसिलिस्ट के दुआरा, पुरी रिसर्च के साथ बनाए गए डाइट प्लान की पुरी जानकारी मिलेगी।
यह एक संतुलित डाइट प्लान है, जिसमें सबुत अनाज, लो ग्लैसीमिक इंडेक्स (low glycemic index) के आहार और आराम से पालन करने वली सीड साइक्लिंग (seed cycling) पर केंद्र किया है। यह आपके खाने की पसंद, उम्र, वज़न, कद ओर शारीरिक गतिविधि स्तर के अनुसार निजीकृत (personalized) डाइट बनाई जाती है।
आपको हिंट एप (Hint app) से, कुछ ही मिंटो में आपका निजीकृत पी. सी. ओ. एस. डाइट प्लान (personalized PCOS diet plan) मिल जाएगा। इसके लिए आपको सिर्फ़ हिंट एप को डाउनलोड (download) करके, अपने पलैन को सब्स्क्राइब (subscribe) करना है।
इस डाइट प्लान का आपको कम से कम तीन महीने तक सही से पालन करना होगा ताकी आपके पी. सी. ओ. एस. (PCOS) से जुड़े लक्षण कम हो सके।
यह एक मासिक सदस्यता वाला प्लान है। इसका आप हर महीने, हर त्रैमासिक या हर साल में एक बार नवीकरण (renew) करा सकते हैं।
आपकी आहार वरीयताएँ (डाइट प्रेफ़रेंस) को ध्यान में रखते हुए, हमारे पास पी सी ओ एस डाइट प्लान 3 अलग प्रकार में उपलब्ध है, जैसे की-
यह शाकाहारी डाइट प्लान है जिसमें प्लांट बेस्ड (plant based) खाना और डेयरी उत्पाद (dairy products) हैं।
इस प्लान में मांसाहारी खाना शामिल है जैसे की मीट, मच्छी, समुद्री भोजन, और अन्य पशु उत्पाद।
इस प्लान मेन शाकाहारी खाने की चीज़ों के साथ अंडे से बन कयी व्यंजन हैं। इसमें मीट, मच्छी या अन्य पशु
उत्पाद नहीं हैं।
ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जिसमें ऐसी खाने की चीज़ों का परहेज़ रखना हो। यह सब आप संयम में ले सकते हो।
नहीं। इस डाइट को करने के लिए कुछ ऐसा अलग खाना लाने की आवश्यकता नहीं है। इस डाइट प्लान (diet plan) में भी दूसरी डाइट की तरह संतुलन में सारी सब्ज़ियाँ, फल, सबूत अनाज, प्रोटीन, लीन मीट और हैलदी फैट लें।
प्लान में बताया गया वरकायूट निभाएँ। पी सी ओ एस में एक दिन में कम से कम 30 मिनट संतुलित व्यायायम हफ़्ते में 5 दिन करें।
पी. सी. ओ. एस. का यह डाइट प्लान वज़न कम करने में सहायता करेगा। हफ़्ते में एक बार अपना वज़न ज़रूर नापें। 5% से 10% तक वज़न कम करते ही आपके मसिक धर्म (Periods) समय पर होने लगेंगे।
खाने की चीज़ें जिन्मे विटामिन डी (vitamin D), विटामिन बी (B vitamins), आयोडीन (Iodine), सिलेनियम (selenium), मैग्निशिम (magnesium) लें जिससे आपकी इंसुलिन (insulin) की मात्रा संतुलित रहे, और पी. सी. ओ. एस. से जुड़े लक्षण कम होएँ।
पौली सिस्टिक ओवरियान सिंड्रोम एक बहुत साधारण हैल्थ ईशु है। इसमें महिला सेक्स होर्मोन असंतुलित हो जाते हैं। यस 10 में से 1 महिला को प्रजनन आयु (reproductive age) में प्रभाव करती है।
पी सी ओ एस होने का सटीक करण नहीं है परंतु इसके लक्षण इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin resistance) की वजह से होते हैं। अनुवंशिकता (Genetic) और सूजन एवम् जलन की वजह से पुरुष होर्मोन बढ़ने की सम्भावना होती है जिसकी वजह से पी सी ओ एस हो सकता है।
इंसुलिन प्रतिरोध तब होता है जब आपकी कोशिकाएँ इस होर्मोन का अच्छी तरह से जवाब नहीं दे पाती। इसमें आपके शरीर रक्त में ग्लुकोज़ ज़्यादा हो जाता है।
अगर आपकी माँ या बहिन को पी सी ओ एस होता है तो आपको यह होने की सम्भावना बढ़ जाती है। यह तब भी हो सकता है अगर आप अधिक मोटे हों या फिर आपमें इंसुलिन प्रतिरोध हो।
इसमें सबसे ज़्यादा मासिक धर्म (periods) समय पर ना होना ओर अनुवर्ता (infertility) हो सकता है। इसके साथ काई अन्य लक्षण जैसे की शकल, पेट या छाती पे ज़्यादा बाल होना, सर के बालों का टूटना व पतला होना, चेहरे पर दाने और मुहाँसे होना, थकान महसूस करना, कोलेस्ट्रोल का बढ़ना, थाईरोईड का होना, वज़न बढ़ना, डिप्रेशन हो सकता है।
इसकी वजह से हमारे चेहरे पर दने या मुहाँसे हो सकते हैं, गर्दन के पीछे या बग़ल (Underarm) में काले गहरे धब्बे हो सकते हैं।
जिन महिलायों को पी सी ओ एस होता है, उन महिलयों को कुछ गंभीर बीमारियाँ जैसे की टाईप 2 डाईबीटीज़, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), ह्रदय रोग, कैन्सर होने की संभावना है।
पी सी ओ डी में महिला की ओवरी में अपरिपक्त अंडे (immature eggs) होते हैं। पी सी ओ एस एक मेटबोलिक बीमारी है। यह पी सी ओ डी से ज़्यादा गंभीर होती है। इसमें महिला की ओवरी ज़्यादा मात्रा में पुरुष होर्मोन बनाती है, जिसकी वजह से ओवरी में हर महीने 10 से ज़्यादा फ़ोलिक्यूलर सिस्ट बनतीहैं।
पी सी ओ एस का अभी कोई इलाज नहीं है, परंतु इसके लक्षणो को खान पान और जिवनशैली को सुधार कर कम किया जा सकता है।इसके लिए रोज़ व्यायायम करना चाहिए और धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
देखा गया है की 5% वज़न कम करने से पी सी ओ एस के मरीज़ों की इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है जिससे मसिक धर्म समय पर होता है, शरीर पर हो रहे ज़्यादा बाल कम होने लगते हैं, चेहरे से मुहाँसे कम होते हैं।
एंटी मूलेरियन होर्मोन की नारमल मात्रा >1.0ng/मल < 3.5ng/mL होती है।
पी सी ओ एस के दौरान, ए एम एच की मात्रा ≥ 4.45 ng/ml होती है।
पी सी ओ एस की जाँच के लिए सीरम टेस्टोस्टेरोन, प्रोलेक्टिन, 17-OH प्रोजेस्टेरोन, 17 रोकसीप्रोजेस्टेरोन, 17 OHP LH, एफ एस एच , एस्ट्राडियोल, डिहायीड्रोएपीएंड्रोस्टेरोन सल्फ़ेट, डी एच ई ए एस, टी एस एच कराने चाहिए।
हाँ। पी सी ओ एस होने का यह मतलब नहीं होता की वह स्त्री हर्भवती नहीं हो सकती।
पी सी ओ एस होने की वजह से गर्भपात (miscarriage) होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इसके साथ जेस्टेशनल डाईबेटीज या सीजेरियन हो सकता है।
फल जिनका ग्लाईसिमिक इंडेक्स ज़्यादा होता है जैसे की तरबूज़, अनन्नास और केला।
सभी फल जो डाइट प्लान में दिए हैं , वह सब लाभकारी होते हैं।
हाँ। इसमें भारी मात्रा में एंटीओक्सीडेंट होते हैं जो की होर्मोंस को संतुलन में लाने में सहायता करती है और पाचन को भी ठीक करती है।
हाँ। ग्रीन चय पीने से इंसुलिन प्रतिरोध कम होता है, अंडरोजन की मात्रा कम होती है, ओवरी में बनी सिस्ट कम होती हैं, वज़न कम करने में सहायक होती है, जलन व सूजन कम करती है। ग्रीन चय वही लेनी चाहिए जिसमें कैफ़ीन नहीं होता।
हाँ। एपल सीडर विनेगर से शरीर के रक्त की शुगर कम होती है, पी सी ओ एस से जुड़े लक्षण कम होते हैं और वज़न भी कम होता है।
नहीं। अगर आपको पि सी ओ एस है तो यह ज़रूरी है की आप हर थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते रहें। इसकी वजह से आपकी रक्त शुगर संतुलन में रहेगी। बिना किसी एक्सपर्ट के सुझाव से करी हुई इंटर्मिटेंट फ़ास्टिंग से आपकी शुगर बढ़ने और इंसुलिन प्रतिरोध होने की सम्भावना हो सकती है।
पी सी ओ एस डाइट प्लान में बताई गयी सभी सब्ज़ियाँ अच्छी होती हैं।
रागी, जोवार, बाजरा यस सभी पि सी ओ एस में महिलयों के होरमोंस को संतुलन में रखने में सहायक होते हैं। ऐसे ही मिलेट्स इस पी सी ओ एस डाइट प्लान में भी दिए गए हैं।
पी सी ओ एस में ओवरीस में अपरिपक्त अंडे होते हैं और असंतुलित होर्मोंस भी होते हैं। इसकी वजह से में दर्द, एंठन और पेट फूलने की शिकायत हो सकती है।
काफ़ी महिलयों में रजोनिव्रत्ति के समय उनके मासिक धर्म (Periods) समय पर होने लगते हैं पर यह हर बार ज़रूरी नहीं है और उनके बाकी पी सी ओ एस के लक्षण बेशक कम हो जाते हैं पर वह रहते हैं।
हाँ। अलसी कर बीज अंडरोजन की मात्रा कम करते हैं। अलसी के बीज से अच्छी मात्रा में आएरन, फ़ाईबर, पोटाशियम, प्रोटीन, केलशीयम, विटामिन बी6, फ़ोलेट, फ़ोसफ़ोरस, मेगनिशियम, ज़िंक, कौपर, सिलेनियम मिलता है।
हाँ।सौन्फ में फ़ाईटोएस्ट्रोजन होता है जिससे पी सी ओ एस के लक्षण कम होते हैं। सौन्फ से अच्छी मात्रा मेन प्रोटीन, कलशियम, मेग्निशियम, आइरन और ज़िंक मिलता है। इसके साथ यह पाचन प्रक्रिया भी ठीक करती है।
हाँ। कद्दु के बीज से फ़ोलेट, मूफ़ा (MUFA), पूफ़ा (PUFA) और फ़ाईबर, पोताशियम, नीयासिन, ज़िंक, कोपर मिलता है जिसकी वजह से यह एस्ट्रोजन की मात्रा में सुधार लाते हैं।
हाँ। जीरा पानी से होर्मोंस संतुलन में रेहते हैं, पी सी ओ एस से जुड़े लक्षण कम होते हैं और मासिक धर्म समय पर अते हैं। इसके साथ जीरा पानी पीने से वज़न भी कम होता है।
हाँ। जिन महिलयों को पी सी ओ एस होता हाई, उनको इंसुलिन प्रतिरोध होता है। इसलिए उन्हें ऐसी डाइट लेनी चाहिए जिसमें फ़ाईबर ज़्यादा हो और अनाज कम हो पोहा नश्ते के लिए एक अच्छा विकल्प है।
हाँ। किनुया में भारी मात्रा में प्रोटीन होता है और इसमें अनाज की मात्रा कम होती है जिसकी वजह से यह खाने का एक अच्छा विकल्प है। किनुया से आइरन, मेग्निशियम, कोपर, थाईमीन, विटामिन बी6, विटामिन ई मिलता है।
नहीं। 1 बड़ी चम्मच (15gm) शहद से 50 केलरी (50kcal) मिलता है। पी सी ओ एस में शहद नहीं लेना चाहिए।
नहीं। इसमें अधिक मात्रा में सेचुरेटिड फैट, सोडियम, और अन्य प्रीज़रवेटिव होते हैं जो की सेहत के लिए हानिकारक होता है।
हाँ। कुछ व्यायायम जैसे की चलना, हल्का दोड़ना, साइकिल चलाना, तैरना पी सी ओ एस में कर सकते हैं।